MBBS from Abroad: विदेश से MBBS करने के बाद भारत में डॉक्टर बनने के लिए NMC से मान्यता, FMGE परीक्षा, इंटर्नशिप और मेडिकल काउंसिल रजिस्ट्रेशन आवश्यक है। आप भी विदेश से MBBS करने की सोच रहे हैं, तो जानिए पूरी प्रक्रिया और जरूरी दिशानिर्देश।
MBBS from Abroad: हर साल हजारों भारतीय छात्र विदेश जाकर MBBS की पढ़ाई करते हैं। खासकर रूस, चीन, बांग्लादेश, किर्गिस्तान और फिलीपींस जैसे देशों में मेडिकल की पढ़ाई भारतीय छात्रों के बीच काफी पॉपुलर है। इसका एक बड़ा कारण है वहां की कम ट्यूशन फीस और सस्ता रहन-सहन। इसके अलावा इन देशों में मेडिकल की पढ़ाई इंग्लिश मीडियम में होती है, जिससे भारतीय छात्रों को पढ़ाई में आसानी होती है। हालांकि, विदेश से MBBS की डिग्री लेने के बाद भारत में डॉक्टर बनना इतना आसान नहीं है। इसके लिए भारत में कई जरूरी नियम और प्रक्रिया तय की गई है, जिसे फॉलो करना बेहद जरूरी है। अगर आप या आपका कोई जानने वाला विदेश से MBBS कर रहा है या करने की सोच रहा है, तो यह जानकारी आपके लिए बेहद जरूरी है।
विदेश से MBBS करने के बाद क्या है भारत में डॉक्टर बनने प्रोसेस
MBBS डिग्री की NMC से मान्यता जरूरी है
सबसे पहले इस बात की पुष्टि करें कि जिस मेडिकल कॉलेज से आप MBBS कर रहे हैं, वह National Medical Commission (NMC) से मान्यता प्राप्त हो। इसके अलावा कोर्स की अवधि कम से कम 54 महीने (4.5 साल) होनी चाहिए और पढ़ाई का माध्यम इंग्लिश ही होना चाहिए।
FMGE पास करना अनिवार्य
भारत में डॉक्टर की प्रैक्टिस करने के लिए विदेश से MBBS करने वाले छात्रों को FMGE (Foreign Medical Graduate Examination) पास करना अनिवार्य है। यह एक स्क्रीनिंग टेस्ट होता है जिसे हर साल दो बार (जून और दिसंबर) में NMC द्वारा आयोजित किया जाता है। कुल 300 ऑब्जेक्टिव प्रश्न पूछे जाते हैं। परीक्षा दो पार्ट में होती है। पास होने के लिए कम से कम 150 अंक (50%) चाहिए। हालांकि भविष्य में FMGE की जगह NEXT (National Exit Test) ले सकता है, जो भारत और विदेश दोनों के MBBS छात्रों के लिए कॉमन लाइसेंसिंग एग्जाम होगा।
FMGE पास करने के बाद भारत में 12 महीने की इंटर्नशिप
FMGE पास करने के बाद आपको भारत में 12 महीने की कंपल्सरी इंटर्नशिप (CRMI) करनी होगी। यह इंटर्नशिप NMC द्वारा मान्यता प्राप्त अस्पताल या मेडिकल कॉलेज में ही मान्य होती है। कुछ मामलों में अगर आपने विदेश में इंटर्नशिप की है और वो NMC की गाइडलाइंस के अनुसार है (54 महीने की पढ़ाई + 12 महीने की इंटर्नशिप), तो उसे भी मान्यता मिल सकती है। लेकिन भारत में फिर से इंटर्नशिप करने की सलाह दी जाती है।
मेडिकल काउंसिल से रजिस्ट्रेशन
इंटर्नशिप पूरी करने के बाद, अब बारी आती है मेडिकल लाइसेंस की। इसके लिए आपको State Medical Council (SMC) या National Medical Commission (NMC) में रजिस्ट्रेशन कराना होता है। इसके लिए आपको कुछ जरूरी डॉक्यूमेंट्स जमा करने होते हैं जिसमें- विदेशी मेडिकल कॉलेज की डिग्री, FMGE पास सर्टिफिकेट, इंटर्नशिप कंप्लीशन सर्टिफिकेट, आधार कार्ड/पासपोर्ट आदि की कॉपी, रजिस्ट्रेशन पूरा होने के बाद आपको भारत में प्रैक्टिस करने का स्थायी लाइसेंस मिल जाएगा।
स्पेशलिस्ट डॉक्टर बनने के लिए कर सकते हैं पोस्ट ग्रेजुएशन
अगर आप स्पेशलिस्ट डॉक्टर बनना चाहते हैं तो आपको NEET-PG परीक्षा पास करनी होगी। इसके जरिए आप MD (डॉक्टर ऑफ मेडिसिन), MS (मास्टर ऑफ सर्जरी) जैसे कोर्स में एडमिशन ले सकते हैं। AIIMS, JIPMER जैसे संस्थान इसके लिए काफी प्रतिष्ठित माने जाते हैं।
विदेश से MBBS की पढ़ाई करना एक अच्छा विकल्प हो सकता है, लेकिन भारत में डॉक्टर बनने के लिए सिर्फ डिग्री काफी नहीं है। FMGE पास करना, इंटर्नशिप पूरी करना और रजिस्ट्रेशन कराना ये सभी स्टेप्स जरूरी हैं। इसलिए विदेश जाकर पढ़ाई करने से पहले इन बातों की पूरी जानकारी जरूर लें और किसी भी भ्रम या भविष्य की परेशानी से बचें।